हिंदी दिवस पर भाषण। Hindi diwas par bhashan

हिंदी दिवस पर भाषण हिंदी में”

आदरणीय प्रधानाचार्य जी सभी अध्यापक गण और मेरे साथियों! आप सभी को मेरा नमस्कार! जैसा कि आप सभी जानते ही हैं आज 14 सितंबर के दिन हम सभी यहां पर हिंदी दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं।
भारत मां की शान है हिंदी,
हम सबका अभिमान है हिंदी।”

हिंदी भारत की सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है। हिंदी सबसे अधिक सरल और सहज भाषा है। हिंदी हमारे भारत देश की राजभाषा है। हम सभी भारतवासी हिंदी को ही अपनी मातृभाषा मानते हैं। लगभग हर एक भारतीय हिंदी भाषा को अच्छे से समझता है।
हिंदी विश्व की सभी भाषाओं सबसे आसान भाषा होने के साथ-साथ सबसे वैज्ञानिक भाषा भी है। 14 सितंबर सन 1949 को हिंदी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करके इसे एक संघ भाषा यानी कि राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसीलिए 14 सितंबर का दिन भारत वर्ष में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज देश में सभी सरकारी दफ्तरों में हिंदी भाषा के प्रयोग पर अधिक जोर दिया जा रहा है।
हिंदी विश्व भर में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर आती है। हिंदी हमारी भारतीय संस्कृति की नींव है। हिंदी अपने देश भारत को संपूर्ण विश्व के सामने प्रदर्शित करती है। हिंदी हमारे देश भारत की पहचान है। हमारे भारत देश की आत्मा है हिंदी। बिना हिंदी भाषा के हम अपने देश भारत की कल्पना भी नहीं कर सकते। दुनिया भर में हिंदी भाषा को चाहने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं है। हिंदी भाषा हम सभी भारतवासियों को एकता के सूत्र में पिरोती है। यह हमारे भारत देश की अस्मिता की प्रतीक है।
हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जिसको जैसा लिखा जाता है बिल्कुल वैसा ही पढ़ा जाता है। यह इतनी खूबसूरत और आसान भाषा है कि इसको कुछ दिनों में आसानी से सीखा जा सकता है। हिंदी बोलने में जितने आसान लगती है सुनाने वाले को उतनी ही प्रभावित भी करती है।
हिंदी भाषा की महत्वता को बरकरार रखने के लिए भारत में हिंदी दिवस के दिन सभी सरकारी कार्यालय में अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करने की अपील की जाती है। हिंदी के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वालों को आज के दिन सम्मानित भी किया जाता है। जान से भी प्यारी हमारी हिंदी भाषा कहीं दूसरी भाषाओं से पीछे ना रह जाए इसी कारण हिंदी दिवस के दिन इस भाषा के महत्व को जन-जन को समझाया जाता है। इसीलिए हर एक भारतवासी से मेरी गुजारिश है कि अपनी हिंदी भाषा को बोलने में हमें अपनी शान समझनी चाहिए और गर्व से अपनी भाषा को अपनाना चाहिए। अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगी –
हिंदी तुझ पर मर मिटेंगे तुझको ना भूलाएंगे,
तेरे सम्मान की खातिर हम अपना वर्चस्व लुटाएंगे।”

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