स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता पर निबंध। Swabhav Swachhta Sanskar Swachhta nibandh

हमारे देश भारत को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के उद्देश्य हेतु भारत में हर वर्ष स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत देशभर में स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है और तरह तरह के स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी देश भर में स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत Swabhav Swachhta Sanskar Swachhta अभियान चलाया जा रहा है। इसीलिए विद्यालय में भी इस विषय पर निबंध एवं भाषण प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं। आज की भारत में हम “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता” विषय पर निबंध लिखना सीखेंगे। इस निबंध को हम स्लोगंस और हेडिंग डालकर लिखेंगे जिससे कि हमें full marks मिल सकें।

“स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता पर निबंध हिंदी में”

बापू का था इक सपना, स्वच्छ हो भारत अपना।”

प्रस्तावना –
मानव जीवन के लिए स्वच्छता का एक विशेष महत्व है। स्वच्छ रहना मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। हमें न केवल स्वयं को स्वच्छ एवं साफ सुथरा रखना चाहिए बल्कि अपने घर और घर के आसपास की वातावरण को भी स्वच्छ रखना चाहिए। हमारे आसपास जितनी साफ सफाई रहेगी उतना ही हमारे आसपास का माहौल खुशहाल बनेगा।

स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता अभियान –
स्वच्छता की इसी आदत को बढ़ावा देने के लिए भारत में स्वच्छता अभियान सक्रिय भूमिका निभाता है। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ही प्रत्येक वर्ष तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिससे कि देश का कोना-कोना स्वच्छ बन सके। इसी परिपेक्ष में इस वर्ष सन 2024 में “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता” भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य भारत के जन-जन को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और स्वच्छता को उनके स्वभाव में ही शामिल करना है, जिससे कि फिर ऐसे अभियानों की आवश्यकता ही ना पड़े।

अभियान की शुरुआत एवं लक्ष्य –
“स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता” नामक अभियान स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर सन 2024 तक चलाया जाएगा। इस अभियान का लक्ष्य स्वच्छता अभियान में जन भागीदारी को प्रोत्साहित करना और देश के अधिक गंदे स्थान की साफ सफाई करना है। इसके अंतर्गत देश के 2 लाख से भी अधिक सार्वजनिक स्थलों की साफ सफाई की जा रही है।

स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता से तात्पर्य –
स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता से तात्पर्य भारत के नागरिकों के जीवन में स्वच्छ रहने की आदत को स्वाभाविक रूप से विकसित करना है। जब नागरिकों के स्वभाव में ही स्वच्छता आ जाएगी तो नागरिक स्वत: ही अपने घर एवं आसपास के इलाकों को गंदा नहीं देख पाएंगे और स्वच्छता बनाए रखेंगे। जब देश के नागरिकों में स्वच्छता की आदत स्वाभाविक रूप से ही होगी तो यह आदत उनके संस्कारों में आ जाएगी और उनके नैतिक मूल्यों को प्रभावित करेगी, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी स्वच्छता की इस आदत को स्वाभाविक रूप से ही अपनाएंगी।

निष्कर्ष –
अतः स्वच्छ भारत के निर्माण हेतु सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। सरकार की इस पहल से समाज का हर एक नागरिक स्वच्छ स्वस्थ और जागरूक बनेगा और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करेगा। इस अभियान से प्रभावित होकर स्वच्छता हम भारतवासियों के स्वभाव और संस्कारों का हिस्सा बनेगी और हम एक स्वच्छ और साफ सुथरे समृद्ध भारत का निर्माण कर पाएंगे।

“स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत, विकसित भारत।”

तो दोस्तों इस तरह से आप “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता अभियान” पर निबंध तैयार कर सकते हैं आशा है यह पोस्ट आपके लिए हेल्पफुल रहेगी अगर आपको इस पोस्ट से मदद मिलती है तो आप इसे अपने मित्रों और दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें आप अपने सुझाव हमें comment करके बता सकते हैं। धन्यवाद!

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