अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण। Women’s day speech
“ना अबला हूं ना बेचारी हूं, मैं एक सशक्त नारी हूं।
मैं सृजन की अधिकारी हूं, मैं विध्वंस की प्रभारी हूं।
समूल प्रकृति में बड़ी प्यारी हूं, मैं एक सशक्त नारी हूं।”
यहां उपस्थित सभी को मेरा नमस्कार! सर्वप्रथम आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
आज 8 मार्च का दिन महिलाओं के लिए बेहद ही खास दिन है। इस दिन महिलाओं के सम्मान में प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिवस देश और विदेश में रहने वाली हर एक महिला को समर्पित है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति समाज में सम्मान की भावना उत्पन्न करना और महिलाओं को समान अधिकार दिलाना है। नारी को प्रेम, ममता, सहनशीलता और शक्ति का मिला-जुला स्वरूप कहा जा सकता है। जहां एक ओर नारी पुष्प के समान कोमल और संवेदनशील है, वहीं दूसरी और आवश्यकता पड़ने पर नारी कठोरता और साहस का दूसरा नाम भी बन जाती है, इतिहास इस बात का प्रमाण देता है।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, इंदिरा गांधी, रजिया सुल्तान, अहिल्याबाई होल्कर, राजमाता जीजाबाई, सरोजिनी नायडू, मदर टेरेसा जैसी महिलाओं ने अपने अपने स्तर पर महिला ताकत को प्रदर्शित किया है। कल्पना चावला के रूप में महिला अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी नाम कमा चुकी है। श्रीमती प्रतिभा पाटिल और श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के रूप में महिलाओं ने राष्ट्रपति जैसे पद को भी सुशोभित किया है।
इसी क्रम में हमें आज की महिलाओं को भी प्रगति की ओर तेजी के साथ आगे लेकर जाना होगा। हमें देश की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना होगा जिससे कि देश की महिलाएं भी देश की तरक्की में अपनी भागीदारी निभा सकें। यूं तो भारत देश की महिलाएं शक्ति, संघर्ष और सफलता का जीता जागता उदाहरण हैं, लेकिन फिर भी अधिकतर महिलाएं आज भी अपने सपनों को साकार नहीं कर पाई हैं। ऐसी महिलाएं समाज के डर से या फिर सुरक्षा के डर से काबिल होते हुए भी एक सामान्य जीवन जीने पर मजबूर हैं। हमें ऐसी सभी महिलाओं को अवसर और सुरक्षा प्रदान करते हुए उनके अंदर छिपी हुई प्रतिभाओं को बाहर निकालना होगा। उन्हें अपनी प्रतिभा के बल पर अपने सपनों को साकार करने का एक मौका अवश्य प्रदान किया जाना चाहिए। इसके लिए घर-परिवार, समाज से लेकर राज्य और देश सभी को यथाभाव प्रयास करना ही होगा।
महिला दिवस का दिन मात्र एक औपचारिक दिवस नहीं है बल्कि यह महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। यह दिवस उन सभी महिलाओं को तो प्रोत्साहित करता ही है जिन्होंने परिवार, समाज और देश विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, साथ ही उन सभी महिलाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है जो घर गृहस्थी में ही अपनी पूरी दुनिया समेटे हुए हैं।
महिला दिवस के इस पावन अवसर पर हम सभी मिलकर यह संकल्प लेते हैं कि हम सभी मिलकर महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा हेतु हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे। देश की महिलाओं को सशक्त बनाने में यथासंभव सहयोग करेंगे और देश की तरक्की में अपनी भागीदारी इस प्रकार से हम निभाएंगे।
“जननी है वो, जीवन भी वो,
सशक्त है वो, साकार भी वो,
स्वाभिमानी, आत्मनिर्भर है वो,
अधूरी नहीं पूरी है वो,
बस है उसका इतना सा अरमान,
उसे भी चाहिए उसके हिस्से का आसमान,
भरनी है उसको भी इक ऊंची उड़ान,
उसके पंखों को काट ना छीने कोई उससे,
उसके हिस्से का आसमान।”
इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूं। धन्यवाद!
इस तरह से आप अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण तैयार कर सकते हैं। आशा है इस पोस्ट से आपको काफी मदद मिलेगी। अगर यह पोस्ट आपके लिए हेल्पफुल होती है तो आप हमें कमेंट करके अवश्य बताएं। धन्यवाद!