नमस्कार दोस्तों! संक्रमण द्वारा फैलने वाले सभी रोगों को हम संक्रामक रोग या संचारी रोग कहते हैं। यह सभी रोग संक्रमित व्यक्ति, दूषित सतहों और दूषित वायु के संपर्क में आने पर फैलते हैं। कुछ संक्रामक रोग कीटों द्वारा भी फैलते हैं, जैसे कि डेंगू, मलेरिया, प्लग इत्यादि। बरसात के मौसम में संचारी रोगों के फैलने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसीलिए हम सभी को बरसात के मौसम में विशेष रूप से सभी सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए। आज की इस पोस्ट में हम संचारी रोग – कारण, लक्षण, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस निबंध के माध्यम से हम संचारी रोग का अर्थ, संचारी रोग की परिभाषा एवं रोकथाम के बारे में भी जानेंगे।
“संचारी रोग पर निबंध हिंदी में”
“बदल रहा है मौसम, शुरू हुई बरसात,
संचारी रोगों का खतरा, लाई अपने साथ।”
प्रस्तावना –
सभी संक्रामक बीमारियां संचारी रोग कहलाती हैं। इस प्रकार की बीमारियाँ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। इन बीमारियों के फैलने का खतरा बरसात के मौसम में अधिक रहता है।
संचारी रोगों का अर्थ –
संचारी रोग वे रोग होते हैं जो किसी रोग से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलते हैं। इन्हें संक्रामक रोग भी कहा जाता है। संचारी रोग सामान्यतया बैक्टीरिया, परजीवी, कवक या वायरस जैसे सूक्ष्मजीवों के कारण पनपते हैं।
संचारी रोग किस प्रकार फैलते हैं –
संचारी रोग भिन्न-भिन्न तरीकों से फैलते हैं, जैसे कि एक दूसरे के शरीर के संपर्क में आने से, दूषित हवा के संपर्क में आने से, दूषित भोजन या दूषित पानी पीने से। संक्रमित कीड़ों के काटने से भी इस प्रकार के रोग फैल सकते हैं। संक्रमित या दूषित सतहों के संपर्क में आने पर भी हम संचारी रोगों से ग्रसित हो सकते हैं
संचारी रोगों के उदाहरण –
डेंगू, मलेरिया, प्लेग, हेपेटाइटिस, खसरा, सर्दी-जुकाम, खांसी, टीबी, कोरोनावायरस, एचआईवी, दाद इत्यादि सभी संचारी रोगों के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण है।
संचारी रोगों की रोकथाम के उपाय –
संचारी रोगों की रोकथाम हेतु उन पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है। इस प्रकार के रोगों पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम स्वच्छता अपनाई जानी चाहिए। स्वच्छता के साथ ही साथ समय पर टीकाकरण करवाना बहुत आवश्यक है। टीकाकरण करवाने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, जो कि इस प्रकार की बीमारियों से बचाने में हमारी सहायता करती है। इन सबके बावजूद अगर किसी भी प्रकार के संचारी रोग की चपेट में यदि हम आ जाते हैं, तो हमें सजगता के साथ रोग पर निगरानी रखनी चाहिए और उपलब्ध उपचार करवाना चाहिए।
“स्वच्छता, सजगता और सुरक्षा,
तीन नियमों को अपनाएं।
संचारी रोगों से इस प्रकार,
छुटकारा हम सब पाएं।”
उपसंहार –
संचारी रोगों की रोकथाम के लिए हमें सभी सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए सतर्क एवं स्वच्छ रहना चाहिए। संचारी रोगों की रोकथाम के लिए हमारे देश की सरकार भी समय-समय पर जन जागरूकता कार्यक्रम चलती ही रहती है। हमें उन सभी कार्यक्रमों में भाग लेकर स्वयं भी जागरूक होना चाहिए तथा औरों को भी जागरूक करना चाहिए, जिससे सभी प्रकार के संचारी रोगों पर समय रहते नियंत्रण पाया जा सके।
“संचारी रोग को दूर भगाएं,
जीवन में खुशहाली लाएं।
स्वच्छता को अपनाकर हम,
रोगों से छुटकारा पाएं।”
इस प्रकार से आप संचारी रोग पर निबंध स्लोगंस के साथ तैयार कर सकते हैं। स्लोगंस के साथ निबंध तैयार करने से आपका निबंध पढ़ने वाले पर अच्छा प्रभाव छोड़ेगा और आपके पूरे मार्क्स मिलेंगे। इस पोस्ट से संबंधित यदि आपके कुछ सुझाव हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। धन्यवाद!