नमस्कार दोस्तों ! जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि हर वर्ष गांधी जयंती के अवसर पर देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। इस अभियान के अंतर्गत देश भर में गंदे स्थान की सफाई की जाती है। इस विषय से लोगों को अवगत करने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं, जिससे सभी लोग साफ-सफाई के प्रति जागरूक हो सके और अपने जीवन में स्वच्छता को अपनाएं। स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत इस वर्ष 2024 में स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस विषय पर विद्यालयों में निबंध प्रतियोगिताएं भी कराई जा रही हैं। आज की हमारी पोस्ट में स्वच्छता ही सेवा विषय पर निबंध बताया गया है।
“स्वच्छता ही सेवा पर निबंध”
“स्वच्छता ही सेवा है, स्वच्छता को अपनाएं,
बापू के सपनों का स्वच्छ सुंदर भारत बनाएं।”
प्रस्तावना – मानव जीवन हेतु स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन का आधार है। इसीलिए देश के नागरिकों को स्वच्छता का महत्व समझाने हेतु भारत सरकार द्वारा स्वच्छता ही सेवा नामक एक अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती के अवसर पर चलाया जाता है। महात्मा गांधी जी भी स्वच्छता को सेवा ही मानते थे।
स्वच्छता ही सेवा अभियान का उद्देश्य – इस अभियान का उद्देश्य भारत देश के नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है, जिससे देशवासी स्वच्छता के महत्व को समझें और अपने घर और आसपास की वातावरण को स्वच्छ एवं साफ सुथरा रख सके। इस अभियान के अंतर्गत देश के नागरिकों को स्वच्छता बनाए रखने हेतु श्रमदान करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही लोगों को अपने आस पास के सार्वजनिक स्थलों की साफ सफाई बनाए रखने हेतु भी प्रेरित किया जाता है। इस अभियान के अंतर्गत सफाई कर्मियों को भी सम्मान देने हेतु लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है और सभी सफाई कर्मियों की देखभाल के लिए शिविर भी लगाए जाते हैं।
स्वच्छता का महत्व – हम सभी के जीवन में स्वच्छता एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। स्वच्छ रहना हम सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है। यदि हम स्वच्छ रहेंगे तो हम स्वत: ही स्वस्थ भी रहेंगे। यदि हम स्वस्थ रहेंगे तभी हम अपने रोजमर्रा के कार्यों को अच्छी प्रकार से कर पाएंगे। इस प्रकार से स्वच्छता हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही उपयोगी होती है। साफ और स्वच्छ स्थान भला किसको अच्छे नहीं लगते? यदि हम अपने घर के आसपास के इलाकों को भी साफ सुथरा बनाए रखेंगे तो वहां आने जाने वाले लोगों को भी अच्छा लगेगा। इसलिए हम सभी को अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।
स्वच्छता ही सेवा – स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत स्वच्छता को एक सेवा के रूप में अपनाने के लिए जन-जन को प्रोत्साहित किया जाता है। यदि हम स्वच्छता की आदत को सेवा के रूप में स्वीकार करेंगे तो हम अपने आसपास जहां भी गंदगी देखेंगे तो हम स्वयं ही वहां की साफ सफाई करने लग जाएंगे। इस प्रकार से हमारे समाज में स्वच्छता बरकरार रहेगी और कम से कम बीमारियां फैलेंगी।
स्वच्छता को सेवा के रूप में अपनाने के लिए हम निम्नलिखित तरीकों को अपना सकते हैं –
१) अपने आसपास जहां भी कूड़ा कचरा पड़ा हुआ देखें तो उसको इकट्ठा करके कूड़ेदान में डालें।
२) छुट्टी वाले दिन हम अपने आसपास सड़कों और गलियों की साफ सफाई कर सकते हैं।
३) समय-समय पर हम अपने आसपास के पार्कों को भी श्रमदान करके स्वच्छ रख सकते हैं।
निष्कर्ष – जब हम स्वच्छता को सेवा के रूप में अपनाएंगे तो इससे हमें एक प्रेरणा मिलेगी और हमें एक अलग ही खुशी की अनुभूति होगी। हमें स्वच्छता को अपनी रोजाना की आदतों में शामिल करना चाहिए और अपने आसपास के इलाकों में स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। इस अभियान का हिस्सा बनकर हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत बनाने हेतु अपनी भागीदारी अवश्य निभानी चाहिए।
“स्वच्छता है जरूरी ना समझे इसको मजबूरी।”
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